अजित पवार

मेरी चालू बीवी-50

字号+作者:सफेद दाग उपचार来源:सिंह राशि धन2023-11-29 11:04:25我要评论(0)

इमरानकहते हैं कि यह मन बावला होता है…यह प्रत्यक्ष प्रमाण मेरे सामने था…एक मिनट में ही मेरे मन ने रोज़

इमरानकहते हैं कि यह मन बावला होता है…यह प्रत्यक्ष प्रमाण मेरे सामने था…एक मिनट में ही मेरे मन ने रोज़ी के ना जाने कितने पोज़ बना दिए थे… और दरवाजा खोलते ही ये सब के सब धूमिल हो गए…रोज़ी दर्पण के सामने खड़े हो अपने बाल ठीक कर रही थी… उसने बड़े साधारण ढंग से मुझे देखा जैसे उसको पता था कि मैं जरूर आऊँगा…मेरे ख्याल से उसको चौंक जाना चहिए था मगर ऐसा नहीं हुआ,मेरीचालूबीवी वो मुझे देख मुस्कुराई- …क्या हुआ?मैं- कुछ नहीं यार… मेरा भी प्रेशर बन गया…और उसको नजरअंदाज कर मैं अपना लण्ड बाहर निकाल उसके उसकी ओर पीठ कर मूतने लगा…यह बहाना भी नहीं था, इस सबके बाद मुझे वाकयी बहुत तेज प्रेशर बन गया था मूतने का…मैंने गौर किया कि रोज़ी पर कोई फर्क नहीं पड़ा, वो वैसे ही अपने बाल बनाती रही और शायद मुस्कुरा भी रही थी…बहुत मुश्किल है इस दुनिया में नारी को समझ पाना और उनके मन में क्या है… यह तो उतना ही मुश्किल है जैसे यह बताना कि अंडे में मुर्गा है या मुर्गी…मूतने के बाद मैंने जोर जोर से पाने लण्ड को हिलाया.. यह भी आज आराम के मूड में बिल्कुल नहीं था… अभी भी धरती के समानान्तर खड़ा था…मैं लण्ड को हिलाते हुए ही रोज़ी के पास चला गया…वो वाशबेसिन के दर्पण के सामने ही अपने बाल संवार रही थी…मैं लण्ड को पेंट से बाहर ही छोड़ अपने हाथ धोने लगा.. रोज़ी ने उड़ती नज़र से मुझे देखा, बोली- अरे… इसको अंदर क्यों नहीं करते?मैं हँसते हुए- हा…हा… तुमको शर्म नहीं आती जहाँ देखो वहीं अंदर करने की बात करने लगती हो… हा हा…वो एकदम मेरी द्विअर्थी बात समझ गई… और समझती भी क्यों नहीं… आखिर शादीशुदा और कई साल से चुदवाने वाली अनुभवी नारी है…रोज़ी- जी वहाँ नहीं… मैं पैंट के अंदर करने की बात कर रही हूँ…मैं- ओह मैं समझा कि साड़ी के अंदर.. हा हा…रोज़ी- हो हो… बस हर समय आपको यही बातें सूझती हैं?मैं- अरे यार अब… जब तुमने बीवी वाला काम नहीं किया तो उसकी तरह व्यवहार भी मत करो… ये करो… वो मत करो… अरे यार जो दिल में आये, जो अच्छा लगे, वो करना चाहिए…रोज़ी- इसका मतलब पराई स्त्री के सामने अपना बाहर निकाल कर घूमो?मैं- पहले तो आप हमारे लिए पराई नहीं हो… और यही ऐसी जगह है जहाँ इस बेचारे को आज़ादी मिलती है… और रोज़ी डियर, मुझको कहने से पहले अपना नहीं सोचती हो…रोज़ी- मेरा क्या…? मैं तो ठीक ही खड़ी हूँ ना…मैं- मैं अब की नहीं, सुबह की बात कर रहा हूँ… कैसे अपनी साड़ी पूरी कमर से ऊपर तक पकड़े और वो सेक्सी गुलाबी कच्छी नीचे तक उतारे… अपने सभी अंगों को हवा लगा रही थीं… तब मैंने तो कुछ नहीं कहा…रोज़ी- ओह… आप फिर शुरू हो गए… अब बस भी करो ना…मैं- क्यों? तुम अपना बाहर रखो कोई बात नहीं… पर मेरा बाहर है तो तुमको परेशानी हो रही है?रोज़ी- अरे आप हमेशा बाहर रखो और सब जगह ऐसे ही घूमो… मुझे क्या !रोज़ी मेरे से अब काफी खुलने लगी थी… मेरा प्लान ..उसको खोलने का कामयाब होने लगा था…रोज़ी- अच्छा मैं चलती हूँ… उसने एक पैकेट सा वाशबेसिन की साइड से उठाया…मेरी जिज्ञासा बढ़ी- अरे इसमें क्या है???वो शायद टॉयलेट पेपर में कुछ लिपटा था… मैंने तुरंत उसके हाथ से झपट लिया..मैं- यह क्या लेकर जा रही हो यहाँ से…और छीनते ही वो खुल गया, तुरंत एक कपड़ा सा नीचे गिरा..अरे… यह तो रोज़ी की कच्छी थी… वही सुबह वाली.. सेक्सी, हल्के नेट वाली… गुलाबी..रोज़ी के उठाने से पहले ही मैंने उसको उठा लिया…मेरा हाथ में कच्छी का चूत वाले हिस्से का कपड़ा आया जो काफी गीला और चिपचिपा सा था…यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !ओह तो रोज़ी ने बाथरूम में आकर अपनी कच्छी निकाली थी… ना कि मूत किया था…इसका मतलब उस समय यह भी पूरी गीली हो गई थी..रोज़ी ने मेरे लण्ड को पूरा एन्जॉय किया था, बस ऊपर से नखरे दिखा रही थी…रोज़ी- उफ्फ… क्या करते हो?? दो मेरा कपड़ा…मैं- अरे कौन सा कपड़ा भई…?मैंने उसके सामने ही उसकी कच्छी का चूत वाला हिस्सा अपनी नाक पर रख सूंघा…- अरे, लगता है तुमने कच्छी में ही शूशू कर दिया..रोज़ी- जी नहीं, वो सूसू नहीं है… प्लीज मुझे और परेशान मत करो… दे दो ना इसे…मैं- अरे बताओ तो यार क्या है यह..?रोज़ी- मेरी पैंटी.. बस हो गई ख़ुशी… अब तो दो ना !मैं- जी नहीं, यह तो अब मेरा गिफ्ट है… इसको मैं अपने पास ही रखूँगा…रोज़ी चुपचाप पैर पटकते हुए बाथरूम और फिर केबिन से भी बाहर चली गई… पता नहीं नाराज होकर या…फिर मैं कुछ काम में व्यस्त हो गया।शाम को फोन चेक किया तो तीन मिसकॉल सलोनी की थीं…मैंने सलोनी को कॉल बैक किया…सलोनी- अरे कहाँ थे आप… मैं कितना कॉल कर रही थी आपको…मैं- क्या हुआ?सलोनी- सुनो… मेरी जॉब लग गई है .. वो जो स्कूल है न उसमें…मैं- चलो, मैं घर आकर बात करता हूँ…सलोनी- ठीक है… हम भी बस पहुँचने ही वाले हैं…मैं- अरे, अभी तक कहाँ हो?सलोनी- अरे वो वहाँ साड़ी में जाना होगा ना… तो वही शॉपिंग और फिर टेलर के यहाँ टाइम लग गया..मैं- ओह… चलो तुम घर पहुँचो… मुझे भी एक डेढ़ घण्टा लग जाएगा…सलोनी- ठीक है कॉल कर देना जब आओ तो…मैं- ओके डार्लिंग… बाय..सलोनी- बाय जानू…मैं अब यह सोचने लगा कि यार यह सलोनी, मेरी चालू बीवी शाम के छः बजे तक बाजार में कर क्या रही थी?और टेलर से क्या सिलवाने गई थी?है कौन यह टेलर?कहानी जारी रहेगी।[email protected]

1.本站遵循行业规范,任何转载的稿件都会明确标注作者和来源;2.本站的原创文章,请转载时务必注明文章作者和来源,不尊重原创的行为我们将追究责任;3.作者投稿可能会经我们编辑修改或补充。

相关文章
  • आंटी ने सिखाया-6

    आंटी ने सिखाया-6

    2023-11-29 10:36

  • SBI Recruitment 2022 : SBI-তে সাড়ে ৬ হাজারের বেশি চাকরি, রইলো আবেদনের খুঁটিনাটি

    SBI Recruitment 2022 : SBI-তে সাড়ে ৬ হাজারের বেশি চাকরি, রইলো আবেদনের খুঁটিনাটি

    2023-11-29 10:28

  • हारने के बाद भी खुद को विनर मानती हैं Neet Mahal, 'मीका की दुल्हन' Akanksha Puri के लिये कही ये बात

    हारने के बाद भी खुद को विनर मानती हैं Neet Mahal, 'मीका की दुल्हन' Akanksha Puri के लिये कही ये बात

    2023-11-29 09:31

  • 7th Pay Commission: 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों के DA-DR पर आई ये अहम खबर

    7th Pay Commission: 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों के DA-DR पर आई ये अहम खबर

    2023-11-29 08:27

网友点评